Thursday, 22 February 2024

What's Unified Payments Interface (UPI)

 

Unified Payments Interface (UPI)


Unified Payments Interface (UPI)


Unified Payments Interface (UPI) is an Indian instant payment system developed by the National Payments Corporation of India (NPCI) in 20161. It facilitates inter-bank peer-to-peer (P2P) and person-to-merchant (P2M) transactions. Here’s how it works:


Mobile Application: UPI operates through a smartphone application that allows users to transfer money between bank accounts. It is a single-window mobile payment system.

Registration: To use UPI, your mobile number must be registered with your bank. You’ll also need a UPI ID (unique identifier) associated with your bank account.

Instant Transfers: With UPI, you can instantly transfer funds between two bank accounts. You can send or receive money using the recipient’s UPI ID or by scanning a Quick Response (QR) code. This makes it convenient for person-to-person transactions, bill payments, and shopping.

Security and Regulation: UPI runs as an open-source application programming interface (API) on top of the Immediate Payment Service (IMPS) and is regulated by the Reserve Bank of India (RBI).

Widespread Usage: UPI is one of the most widely used payment systems globally, both in terms of the number of users and transactions. As of November 2022, it had over 300 million monthly active users in India1. The proportion of UPI transactions in the total volume of digital transactions grew significantly, reaching 55% in 2020–21 with an average transaction value of ₹1,8491. In 2022, UPI enabled over 2,348 transactions every second1.

Recent Milestones: In August 2023, UPI recorded 10.5 billion transactions, crossing the 10 billion mark. The total value of annual transactions reached $1.7 trillion, with $380 billion in merchant payments1.

UPI has revolutionized digital payments in India, making it easier for individuals and businesses to transfer money seamlessly across banks. It’s a significant step toward a cashless economy!

Monday, 11 September 2023

इंटरनेट क्या है? | इंटरनेट के प्रकार | इंटरनेट के इतिहास का संक्षेप

 

आजकल का जीवन इंटरनेट के बिना अधूरा सा लगता है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसने हमारे जीवन को सरल और संवादात्मक बना दिया है। इंटरनेट का प्रारंभ हुआ था जब हमारे पास केवल ढ़ेरों डिस्केट और कंप्यूटर के प्रोग्राम होते थे, लेकिन आज वह एक अद्वितीय डिजिटल जगत है जिसमें हर क्षण हमारी जिन्दगी का हिस्सा होता है। इस लेख में, हम इंटरनेट के बारे में विस्तार से जानेंगे, इसके महत्व को समझेंगे, और यह कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करता है।

इंटरनेट क्या है?



इंटरनेट एक विशेष तरीके से जुड़े कंप्यूटर नेटवर्क का संग्रहण है जिसका मतलब है कि यह एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा होता है जो दुनिया भर के कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ता है। इंटरनेट का उपयोग डेटा को संचित्रित करने, साझा करने, और पहुंचने के लिए किया जा सकता है। यह आपको दुनियाभर के जानकारों, व्यापारिक संगठनों, और सरकारी संस्थाओं से जोड़ता है और आपको विश्व के सभी जानकारी तक पहुंचने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।

इंटरनेट के इतिहास का संक्षेप

इंटरनेट का आदिकाल 1960 के दशक में आरपीए के अंड्रु सुरफ द्वारा शुरू हुआ था। इसके बाद, अमेरिकी सरकार और डिफेंस डिपार्टमेंट ने इसे विकसित किया और इसे डीएआरपीए के रूप में जाना जाता है, जिसका मतलब है "डेफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी"। इसके बाद, अन्य शोध संगठनों और विश्वविद्यालयों ने इंटरनेट को विकसित करने में भाग लिया, और इसके साथ ही इंटरनेट का आदिकाल था।

1990 के दशक में, वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का आविष्कार किया गया, जिसका उपयोग आसानी से जानकारी को साझा करने के लिए किया जा सकता है। इससे विश्वभर में वेबसाइट्स की शुरुआत हुई और लोग इंटरनेट पर जानकारी खोजने और साझा करने का आदिकाल आया। फिर, 1990 के दशक के आखिरी में, इंटरनेट का व्यापक उपयोग करने के लिए वेब ब्राउज़िंग सॉफ़्टवेयर जैसे कि नेटस्केप, इंटरनेट का उपयोग करने के लिए आम लोगों के लिए आसान हो गया।

इंटरनेट का महत्व

आजके समय में, इंटरनेट ने हमारे जीवन के हर क्षेत्र में बदलाव लाया है। यह कुछ महत्वपूर्ण कारणों के लिए महत्वपूर्ण है:

  1. जानकारी की स्वतंत्रता: इंटरनेट ने जानकारों और ज्ञान के स्रोतों को सार्वजनिक बना दिया है। आप इंटरनेट का उपयोग करके किसी भी विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, चाहे वो विज्ञान, इतिहास, प्रौद्योगिकी, या किसी अन्य क्षेत्र में हो।

  2. व्यवसाय में उपयोग: इंटरनेट व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म है। ऑनलाइन विपणन, डिजिटल मार्केटिंग, और वर्चुअल कार्यालय के माध्यम से व्यवसाय को विकसित करने में इंटरनेट का महत्वपूर्ण योगदान हो रहा है।

  3. व्यक्तिगत संवाद: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से लोग दुनिया भर के लोगों से जुड़ सकते हैं और व्यक्तिगत और सामाजिक संवाद कर सकते हैं।

  4. शिक्षा: इंटरनेट के माध्यम से विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, और यह उनके शिक्षा के क्षेत्र में नए दरवाजे खोलता है।

  5. कृषि और ग्रामीण विकास: इंटरनेट के माध्यम से किसान अपने उत्पादों को बेहतर मार्केट करने के लिए जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकती है।

  6. सरकारी सेवाएँ: सरकारें इंटरनेट के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ देने के लिए उपयोग करती हैं, जैसे कि आधार कार्ड, बैंकिंग सेवाएँ, और अन्य योजनाएँ।

  7. आराजकता: इंटरनेट के माध्यम से लोग अपनी आवाज को सुनवाई कर सकते हैं और सरकारों को जवाबदेही की ओर प्रोत्साहित कर सकते हैं।

इंटरनेट के प्रकार

इंटरनेट के कई प्रकार हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं:

  1. वर्ल्ड वाइड वेब (WWW): यह इंटरनेट का सबसे प्रसिद्ध हिस्सा है, जिसमें वेबसाइट्स और वेब पेज्स होते हैं। इसके माध्यम से लोग विभिन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त करते हैं।

  2. ईमेल (Electronic Mail): ईमेल का उपयोग व्यक्तिगत और पेशेवर संवाद के लिए किया जाता है।

  3. सोशल मीडिया: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, और लिंक्डइन के माध्यम से लोग अपने विचार और जीवन को साझा करते हैं और दुनिया भर के लोगों से जुड़ते हैं।

  4. वीडियो कॉलिंग और चैटिंग: यह माध्यम लोगों को वीडियो कॉलिंग और टेक्स्ट चैट करने की अनुमति देता है, जिससे वे दूरस्थ दोस्तों और परिवार से जुड़ सकते हैं।

  5. ऑनलाइन व्यापार: इंटरनेट के माध्यम से व्यापार की सुविधा बढ़ गई है, और लोग अपने उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन प्रदान कर सकते हैं।

इंटरनेट की समस्याएँ और सुरक्षा

इंटरनेट के साथ आने वाली तकनीकी उन्नति के साथ कई समस्याएँ भी हैं। इसमें साइबर सुरक्षा की चुनौतियाँ, डेटा चोरी, ऑनलाइन बुलिंग, फेक न्यूज़, और व्यक्तिगत गोपनीयता की चिंताएँ शामिल हैं। साइबर सुरक्षा के माध्यम से इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को अपने डेटा और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए सावधान रहना चाहिए।

समापन

इंटरनेट आजके समय में जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है और यह निरंतर विकसित हो रहा है। इसके बिना हमारा दैनिक जीवन सोचने के लायक नहीं होता, और यह हमारे सोचने, काम करने, और बदलाव करने के तरीके को बदल दिया है। इंटरनेट का सही और सवधानी से उपयोग करना महत्वपूर्ण है, ताकि हम इसके सारे फायदों को प्राप्त कर सकें और साइबर सुरक्षा की चुनौतियों से बच सकें।

Friday, 29 May 2020

अमेरिका में 1 लाख मौतों पर ट्रंप ने जताया दुख, Coronavirus को बताया चीन से मिला बैड गिफ्ट

जानलेवा कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप अभी भी दुनिया भर में जारी है. इस वक्त अमेरिका (USA) में इसके कारण काफी बुरा हाल है. अमेरिका में कोरोना से मौत का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच गया है. वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना को चीन (China) से मिला एक बहुत बुरा गिफ्ट बताया है.
दरअसल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक ट्वीट कर लिखा, "चीन से मिला बहुत बुरा उपहार कोरोनावायरस दुनिया भर में बढ़ता ही जा रहा है. यह अच्छा नहीं है."
Donald trump

US में एक लाख मौतों पर ट्रंप ने जताया दुख

वहीं इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट कर अमेरिका में मौत का आंकड़ा एक लाख पार होने पर दुख जताते हुए कहा, "हम अभी कोरोनोवायरस महामारी से हुई दुखद मौत के 100,000 के आंकड़े तक पहुंच चुके हैं.

Friday, 4 January 2019

निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा विधेयक पर संसद की मुहर

निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा विधेयक पर संसद की मुहर

निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा विधेयक पर संसद की मुहर 



देश में आठवीं कक्षा तक के छात्रों को योग्यता के आधार पर उत्तीर्ण करने और 'नो डिटेशन नीति' वापस लेने से संबंधित 'निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधयेक 2019' पर गुरुवार को संसद की मुहर लग गई। राज्यसभा ने लगभग एक घंटे की चर्चा के बाद वामदलों के वाकआउट के बीच इस विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि आठवीं कक्षा तक के छात्रों को भी परीक्षा में योग्यता के आधार उत्तीर्ण किया जाएगा। अभी तक की 'नो डिटेशन नीति' के अनुसार आठवीं कक्षा तक के छात्रों को अनुत्तीर्ण नहीं किया जा सकता है।

चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नए कानून में किसी को विद्यालय से बाहर करने का प्रावधान नहीं है बल्कि इससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तथा बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने आगे कहा कि हाल के वर्षों में शिक्षा के बजट में 40 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और यह 82 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 15 हजार करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने कहा कि इसे और बढ़ाने की जरुरत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए प्रावधानों में राज्य को अधिक अधिकार दिए गए हैं।


आगामी परीक्षाओं में अपनाएं ये तरीके, बढ़ जाएंगे अव्वल होने के अवसर

आगामी परीक्षाओं में अपनाएं ये तरीके, बढ़ जाएंगे अव्वल होने के अवसर

आगामी परीक्षाओं में अपनाएं ये तरीके, बढ़ जाएंगे अव्वल होने के अवसर


नया साल अपने साथ नई खुशियों के साथ कई नई उम्मीदें लेकर आता है। जब परीक्षाओं का समय चलता है उस वक्त आप काफी तनाव में रहते हैं। उस वक्त न खाने पर ध्यान होता और न खुद पर। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं जिनकी मदद से आप अपनी सफलता को पा सकते हैं।

सिलेबस

परीक्षा में बैठने से पहले परीक्षा के कार्यक्रम और सिलेबस को अच्छे से समझ लें। सबसे पहले पता लगाएं कि एग्जाम में कैसे सावल पूछे जाते हैं। इसके लिए पुराने परीक्षा के प्रश्न पेपर देखें। इससे आपको भरपूर मात्रा में जानकारी मिलेगी और आपको परीक्षा का नेचर भी अच्छे से समझ आएगा। अगर एक बार आपने पैटर्न को अच्छे से समझ लिया तो काफी कुछ क्लीयर हो जाएगा और आगे की तैयारी की रणनीति बना सकेंगे।

पैटर्न

पैटर्न समझ लेने के बाद तैयारी की रणनीति बनाएं। इसके लिए जरूरी है नोट्स तैयार करना। नोट्स भी टॉपिक्स के आधार पर बनाएं। जिस विषय में कमजोर हैं, उस पर ज्यादा ध्यान दें। जिसमें मजबूत हैं उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप बिल्कुल ही उसे छोड़ दें। समय समय पर रिवीजन करते रहें। विषयों के मुताबिक बराबर-बराबर समय देंगे तो सभी कवर हो जाएंगे और तैयारी भी अच्छे से पूरी हो जाएगा

किताबों का चयन

पैटर्न के बाद तैयारी करने से पहले विषयों से संबंधित किताबों का चयन करें। आप तैयारी करने के लिए संबंधित परीक्षाओं की किताबों का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने सीनियर्स या आस-पास मार्केट से किताबों की व्यवस्था कर लें। इससे आपको पता चल जाएगा कि किस पैटर्न के सवाल पूछे जाते हैं, साथ ही अभ्यास करने के लिए कुछ प्रश्न पत्र भी मिल जाएंगे। जिन्हें रिवाइज कर-करके अच्छी तैयारी कर सकते हैं। इससे अंतिम समय में ज्यादा समय टॉपिक्स को सर्च करने में नहीं जाएगा।

टाइम मैनेजमेंट

परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आपका टाइम मैनेजमेंट। किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। बराबर टाइम बांटकर सभी विषयों की तैयारी करें। एक बार पढ़ने बैठ गए तो इसका मतलव ये नहीं कि एक साथ सब कुछ पढ़ने के बारे में सोचे, बीच में ब्रेक लें। बीच-बीच में उठते रहें और खुद को फ्रेश करते रहें। कोशिश करें कि एक पेपर हल करके ही उठें। दूसरे पेपर को तुरंत हल न करें। थोड़ा रेस्ट के बाद काम शुरू करें।

 किताबें और मैटीरियल

किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए संबंधित विषयों से जुड़ा कंटेट होना जरूरी है। अगर आपके पास विषय सामग्री नहीं है तो इसका प्रभाव न केवल आपके अंकों पर पड़ेगा बल्कि आप अच्छे से तैयारी भी नहीं कर पाएंगे। साथ ही आप न ही ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल कर पाएंगे। अच्छी तैयारी के लिए आपके पास पर्याप्त किताबें और मैटीरियल होना आवश्यक है।

       

Tuesday, 25 December 2018

Health tips: ये 5 आदतें रखेंगी सर्दियों में सेहतमंद

Health tips: ये 5 आदतें रखेंगी सर्दियों में सेहतमंद
Health tips: ये 5 आदतें रखेंगी सर्दियों में सेहतमंद

हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली सर्दियां सेहत बनाने और बिगाड़ने का भरपूर मौका देती हैं। आपने खुद को थोड़ी से ढील दी तो सेहत को ढीली होते देर नहीं लगती। बिगड़ी सेहत से कहीं आसान है अपनी आदतों को सुधारना, जानें क्या करें-

1- संतुलित भोजन करें


कार्बोहाइड्रेट शरीर को ऊर्जा देते हैं, पर सेहत के लिए यही काफी नहीं होते। शरीर को वसा, प्रोटीन, फाइबर और तरल पदार्थों की भी उतनी ही जरूरत होती है। आमतौर पर सर्दियों में तला-भुना, डिब्बाबंद व जंक फूडखाने की इच्छा बढ़ती है, इस कारण कार्बोहाइड्रेट का सेवन बढ़ जाता है। दूसरा, शारीरिक सक्रियता घटने से अतिरिक्त कैलोरी की खपत नहीं हो पाती। इससे शरीर में तेजी से वसा जमने लगती है।
बेहतर है कि संतुलित आहार करें। अधिक तला-भुना खाने की जगह मौसमी फल व सब्जियों पर जोर दें। भोजन के साथ हरी सब्जियां, सलाद व सूप लें। इससे शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व व फाइबर मिलेगा। शरीर में पानी की कमी न होने दें।

2- धूप है जरूरी


पर्याप्त आराम के बावजूद थकान होती है? हड्डियों व मांसपेशियों में दर्द रहता है? अगर हां, तो संभव है कि आपको विटामिन डी की खुराक की जरूरत हो। और इस खुराक का अच्छा स्रोत है सूरज की रोशनी। विशेषज्ञों के अनुसार, 100 में से 70 लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं। सर्दियों का मौसम इस कमी को पूरा करने का अच्छा अवसर है। दोपहर के आसपास त्वचा पर धूप लगना विटामिनडी के लिहाज से सबसे बेहतर माना जाता है। .
कुल मिलाकर आलस छोड़ कर घर से बाहर निकलना सर्दियों के मौसम में स्वस्थ रखता है। दोपहर में सोना एक ओर जहां विटामिन डी से दूर करता है, वहीं रात में नींद का पैटर्न भी गड़बड़ा जाता है। दोपहर में कुछदेर धूप में बैठें।

3- घर के भीतर न सुखाएं कपड़े


विशेषज्ञों के अनुसार, घर के भीतर गीले कपड़े सुखाने से घर में एसलडीहाइडेट और बेंजीन कण हवा में फैलते हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। अस्थमा से परेशान लोगों की समस्या भी इससे बढ़ती है। यदि अस्थमा की परेशानी नहीं है, तो भी गीले कपड़ों को भीतर सुखाना सिरदर्द, गले में खराश और आंखों में जलन पैदा कर सकता है। अगर घर के भीतर गीले कपड़े सुखाते हैं, तो खिड़कियां खुली रखें।

4- अधिक क्रीम न लगाएं


सर्दियों की ठंडी हवा, त्वचा को शुष्क बना देती है। त्वचा को नमी की ज्यादा जरूरत होती है, पर इसका मतलब यह नहीं कि आप अनावश्यक क्रीम व लोशन लगाएं। अधिक क्रीम लगाने से त्वचा पर धूल-मिट्टी के देर तक जमे रहने की आशंका बढ़ती है। मृत त्वचा चेहरे पर ही रहती है, जिससे मुहांसे व त्वचा की एलर्जीकी आशंका बढ़ जाती है।

5 - व्यायाम की कमी


सर्दियों में हर रोज व्यायाम करने की आदत को न छोड़ें। व्यवहारगत समस्याओं से जूझ रहे लोगों में मौसम में बदलाव आने पर मूड में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है। नियमित व्यायाम करना शरीर में खुशी का एहसास कराने वाले हार्मोन का स्राव करता है। अवसाद में कमी लाता है। यूं भी सर्दियों में शारीरिक सक्रियता घटने से शरीर का वजन बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है। व्यायाम करना शरीर के लचीलेपल को भी बनाए रखता है।

Sunday, 23 December 2018

what is a domain name | what is domain in website | डोमेन क्या है और कितने प्रकार का होता है

what is a domain name | what is domain in website | डोमेन क्या है  और कितने प्रकार का होता है   


डोमेन क्या है  और कितने प्रकार का होता है  दोस्तों  में आज इस आर्टिकल मई में डोमेन  की पूरी जानकारी देने जा रहा हू किया है डोमेन और कितने प्रकार का होता है और कोन सा डोमेन अच्छा होता है और कहा से  खरीदना चाहिए डोमेन खरीदते समय कोन कोण सी बातो धेयान रखना चाहिए |

डोमेन क्या है   
             
blog domain
top level domain


डोमेन हमारी वेबसाइट ब्लॉग का address होता है जो की वेबसाइट के नाम के साथ लगा होता है जैसे की हम जब भी किसी वेबसाइट को खोलते है तो उस वेबसाइट के बाद हमें .in .com .net .org आदि देखने को मिलते है 
इन्ही को इंटरनेट की भाषा में डोमेन कहते है.com .net .in इन सब से हमें उस वेबसाइट का पता चलता है की ये वेबसाइट किस की है और इस का address क्या है वेबसाइट के address को url भी कहते है वेबसाइट का url वेबसाइट के नाम और डोमेन नाम से मिल कर ही पूरा होता है उदाहरण के लिए जैसे  www.google.com है इस में google वेबसाइट का नाम है और। .com उस का डोमेन नाम इस तरह किसी भी वेबसाइट का address या url बनता है

कैसे work करता है domain  

Domainsआपके hosting  की Server जिसमे आपका website store होती  है उसके ip adress को point करता है. और जब आप किसी website का  नाम  अपने URL बार में sarch  करते है तो वह domain के जरिये  आपके Hosting IP को point कर देता है.जिससे आप website को access कर पाते है.

डोमेन कम्पनिया  IANA  एक international



domain name system

डोमेन कम्पनिया  IANA  एक international कंपनी है जो की पूरी दुनिया मई डोमेन को डिस्ट्रीब्यूट करती है 
ये company दुनिया की सबसे बड़ी डिस्ट्रीब्यूटिव कम्पनी है जो सभी डोमेन्स को को अलग अलग कम्पनियो को को दे देती है और फिर ये कम्पनिया अपने हिसाब से डोमेन्स को बेचती है | 

डोमेन sellar companys अगर हम बात करे भारत की तो भारत में godidy , hosting raja ,bigrock  ये भारत की बोहोत भरोसे मंद कम्पनी है जो की भारत में डोमेन को sall करती हे 

 अलग अलग देशो के के अलग अलग डोमेन होते है
  1. .In(India)
  2. .Gb(great britain)
  3. .Au(Australia)
  4. .Us(United state america) etc. 

  5.  जैसे। in india , इस डोमेन पता चलता है की ये डोइन इंडिया का है इसी प्रकार अन्य देशे के अपने अलग अलग डोमेन होते है जैसे united state of America का डोमेन। .us  इसी प्रकार .uk eucren का ऐसे ही सभी देशो के नाम के अनुसार अपना अलग डोमेन होता है 
ऐसे कुछ अन्य डोमेन भी होते है  
जैसे
  1.  .Com (commercial)
  2. .Net (Network)
  3. .org (organization)
  4. .gov (government)
  5. .edu – (educational) etc
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    domain name system


जिसमे .com  किसी कम्पनी को दर्शाता है किसी भी कम्पनी के url मई हमेशा आपको पीछे .com लगा मिले इस पता चलता है की ये url किसी company का है तथा ऐसा नहीं है की कोई अन्य व्यक्ति जिसके पास कम्पनी नहीं है वो इसे नहीं लेसकता हर कोई। .com को खरीद सकता है  क्योकि। .com एक टॉप लेवल डोमेन  जाता  जाता है और ज्यादा तर लोग इसी को खरीदते है क्योकि ये seo के लिए भी सबसे अच्छा डोमेन माना  जाता  है 

org  उपयोग अधिकतर organasions ही उपयोग करती है

कहाँ से ख़रीदे डोमेन 


भारत में सबसे बेहतरीन  website है डोमेन खरीदने के लिए bigrock ,godidy ,hosting raja हलाकि ये प्राइवेट कम्पनी है पर ये india की best डोमेन saller वेबसाइट है आप को यह पर बहुत  कम rate मैं डोमेन मिल जायेगा यदि आप पेहली यहां से पहली बार डोमेन खरीदते है तो आप को यह पर domain only rs 99 रुपय ही मिल जायेगा