Friday 29 May 2020

अमेरिका में 1 लाख मौतों पर ट्रंप ने जताया दुख, Coronavirus को बताया चीन से मिला बैड गिफ्ट

जानलेवा कोरोनावायरस (Coronavirus) का प्रकोप अभी भी दुनिया भर में जारी है. इस वक्त अमेरिका (USA) में इसके कारण काफी बुरा हाल है. अमेरिका में कोरोना से मौत का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच गया है. वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने कोरोना को चीन (China) से मिला एक बहुत बुरा गिफ्ट बताया है.
दरअसल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक ट्वीट कर लिखा, "चीन से मिला बहुत बुरा उपहार कोरोनावायरस दुनिया भर में बढ़ता ही जा रहा है. यह अच्छा नहीं है."
Donald trump

US में एक लाख मौतों पर ट्रंप ने जताया दुख

वहीं इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट कर अमेरिका में मौत का आंकड़ा एक लाख पार होने पर दुख जताते हुए कहा, "हम अभी कोरोनोवायरस महामारी से हुई दुखद मौत के 100,000 के आंकड़े तक पहुंच चुके हैं.

Wednesday 31 October 2018

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति | स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति | स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति का अनवराड़ किया गया इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बड़े नेता भी मौजूद रहे। 

भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 143वीं जयंती के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को देश को समर्पित किया. 

स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' सरदार सरोवर बांध के दक्षिण में स्थित नर्मदा नदी के साधु बेटद्वीप पर है.                                  

                                        

सरदार बलभ भाई पटेल 

मूर्ति की उचाई 

पटेल की इस मूर्ति की ऊंचाई करीब 182मीटर है, जो बर्तमान दुनिया में सबसे ऊंची है 182 मीटर ￰है |    

बनाने में लगा खर्च 

इस मूर्ति को बनाने में 2,332 करोड़ रुपये का खर्च आया है. वहीं, पूरी परियोजना में कुल तीन हज़ार करोड़ रुपये का खर्च आया है.  

बनाने वाली कम्पनी 


सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल इंटीग्रेशन ट्रस्ट वो संस्था है जिसने इस मूर्ति के निर्माण का काम किया है, इसी कंपनी ने दुबई की मशहूर इमारत बुर्ज ख़लीफ़ा का  निर्माण किया। सरदार सरोवर निगम ने एक अमरीकी आर्किटेक्ट माइकल ग्रेव्स और मिन्हार्ड को भी इंटीग्रेटेड डिज़ाइन टीम में शामिल किया है.
साल 2012  में इस परियोजना की शुरुआत के बाद सिर्फ 42 महीनों के समय में इस काम को पूरा कर लिया गया है.

मूर्ति से जुडी कुछ खास बातें 


इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी है, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल की छाती पहुंचेंगे और वहां से आप सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे और खूबसूरत वादियों का मजा ले सकेंगे.
 सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था की जाएगी.
यह स्टैच्यू 185  किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी खड़ा रहेगा. यह 6.6  तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है. 
इस के निर्माण में भारतीय मजदूरों के साथ- साथ  चीन के कर्मचारियों ने भी हाथ बंटाया है. 
मूर्ति की लंबाई 180-185 मीटर है और यह इतनी बड़ी है कि इसे 6-8  किलोमीटर की दूरी से भी देखी जा सकता है.
जहां आप रात भर रुक भी सकते हैं. 
वहीं स्टैच्यू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है, जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी जाएंगी.
इसके साथ ही मूर्ति में एक हॉल बनाया गया है जिसमें एक बार में १५० -२५०  लोग समा सकते हैं. 

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